सन् 1993 में नगर में कुछ उदारमना शिक्षा प्रेमी महानुभावों ने यहाँ एक महाविद्यालय की स्थापना का संकल्प लिया। 1993 में ही श्री अयोध्या प्रसाद मैमोरियल शिक्षा समिति का गठन हुआ। जिसके अध्यक्ष श्री विष्णु भगवान अग्रवाल की उदारता से 15 हजार वर्ग गज भूमि महाविद्यालय परिसर के लिए क्रय कर प्रदान की गयी तथा 06 कमरों के कला संकाय प्रखण्ड का निर्माण पूर्ण हुआ। इस निर्माण में श्री विष्णु भगवान अग्रवाल ने प्रमुख योगदान दिया। समिति के अन्य सदस्यों ने भी आर्थिक सहयोग प्रदान किया। जुलाई 1995 में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महाविद्यालय को कला संकाय के सात विषयों में अस्थायी सम्बद्धता तथा रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय से कक्षाएं आरम्भ करने की अनुमति प्राप्त हुई।
वर्तमान में महाविद्यालय को कला संकाय स्तर पर 14 विषयों में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्थायी मान्यता प्राप्त है। महाविद्यालय में बी.काॅम. की स्थायी मान्यता प्राप्त कक्षाएँ जुलाई 2001 से संचालित हैं। बी.एस-सी. (पी.सी.एम. व जेड.बी.सी.) की कक्षायें भी महाविद्यालय में सत्र 2013-14 से संचालित की जा रहीं हैं।
स्नातकोत्तर स्तर पर एम.काॅम. तथा अंग्रेजी की कक्षायें सत्र 2014-15 से व हिन्दी, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र तथा अर्थशास्त्र की कक्षायें सत्र 2015-16 से तथा एम.ए. शिक्षाशास्त्र की कक्षायें 2018-19 से संचालित की जा रहीं हैं। बी0एड0 (द्विवर्षीय) की कक्षायें भी सत्र 2015-16 से महाविद्यालय में संचालित हैं।
अयोध्या प्रसाद मेमोरियल (पी.जी.) कालेज, उझानी (बदायूँ), उझानी-बाईपास रोड पर ही स्थित है। यह नगर का एक मात्र पी.जी. कालेज है। रेल व बस दोनों के द्वारा महाविद्यालय पहुँचा जा सकता है। कोलाहल व प्रदूषण से मुक्त, शांत वातावरण व हरे-भरे पेड़-पौधों व विशाल खुले प्रांगण सहित, महाविद्यालय अनुकूल शैक्षिक वातावरण प्रस्तुत करने में सक्षम है। महाविद्यालय में विश्वविद्यालय व यू0जी0सी0 मानकों के अनुरूप अनुभवी प्राचार्य तथा चारों ही संकायों: आटर््स, काॅमर्स, साइंस व बी.एड. में योग्य व विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित पूर्ण कालिक शिक्षक कार्यरत् हैं। महाविद्यालय में योग्य, अनुभवी प्राचार्य कार्यरत् हैं। महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों की संख्या लगभग 1500 है। महाविद्यालय के भव्य भवन में 35 कक्ष, पुस्तकालय व वाचनालय है। छात्र-छात्राओं के लिए कामन रूम की अलग-अलग व्यवस्था है। साथ ही पाठ्येत्तर गतिविधियों हेतु एक विशाल कक्ष (हाॅल) की भी व्यवस्था है। विद्युत की सुविधा के लिए महाविद्यालय में जनरेटर उपलब्ध है। पेयजल की उचित व्यवस्था के साथ स्वच्छ शौचालय भी हैं। अधिकांश महाविद्यालय प्रांगण सी.सी.टी.वी. कैमरों व वाॅयस रिकार्डर से सुसज्जित है।
महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है विश्वविद्यालय के अच्छे महाविद्यालयों में इसे सम्मानित स्थान प्राप्त है। सभी संकायों के परीक्षा परिणाम हमेशा उत्कृष्ट रहे हैं।
महाविद्यालय में एक साहित्यिक व सांस्कृतिक परिषद भी है जो विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक एवं ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने के लिए प्रयत्नशील रहती है। इसके अतिरिक्त खेलकूद प्रतियोगिताओं में कालेज के विद्यार्थी विश्वविद्यालयीय एवं अंतर्विद्यालयीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं तथा इन्हें प्रतियोगिताओं हेतु उच्च प्रशिक्षित अनुदेशकों की निगरानी में प्रशिक्षित किया जाता है। कालेज का एक विशाल क्रीड़ंागन है जहाँ विद्यार्थी क्रिकेट, वालीबाॅल,बैडमिण्टन, बाक्सिंग, वेटलिफ्टिंग, बास्केटबाॅल आदि खेल खेलते हैं।
इस प्रकार महाविद्यालय अपने छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु सतत् प्रयन्तशील रहता है।